Dialogue

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Lesson Transcript

मुगल– ए–आज़म
बॉलीवुड की अपने समय की सबसे महंगी फिल्म, मुगल–ए–आज़म हमारे फिल्म इतिहास की एक उत्कृष्ट कृति है| 1960 में रिलीज़ हुई इस फ़िल्म ने सारे बॉक्स-ऑफ़िस रिकॉर्ड तोड़ डाले और कमाई की दृष्टि से अगले पंद्रह सालों तक सर्वाधिक सफल रही। 1975 में आई हिट फिल्म शोले के बाद ही इस फिल्म लोकप्रियता का रिकार्ड टूट पाया !
मुगल सम्राट जहांगीर की प्रसिद्ध जीवन गाथा पर आधारित मुगल-ए-आज़म को के. आसिफ ने निर्मित एवं निर्देशित किया, व इसमें सम्राट अकबर की भूमिका में रहे महान कलाकार पृथ्वी राज कपूर| प्रेम पाश में बंधे अनारकली व शहजादा सलीम के किरदार क्रमश—मधुबाला व दिलीप कुमार ने निभाए| अपने यौवन के दिनों में शहज़ादा सलीम के नाम से जाने जानेवाले सम्राट जहांगीर उन दिनों खासे जिद्दी व बिगड़े शहजादे हुआ करते थे, और राज दरबार की एक नृत्यांगना अनारकली को दिल हार बैठे थे|
जब दोनों के प्रेम संबंध की खबर पिता सम्राट अकबर के कानों तक पहुँचती है तो सलीम अपने पिता को अपने प्रेम की सच्चाई के विषय में समझाने का प्रयास करता है व अनारकली से विवाह करने की अपनी इच्छा से अवगत कराता है| सम्राट अकबर एक संदिग्ध चरित्र व छोटे तबके की महिला को अगली महारानी के रूप में देखने को कतई सहमत नहीं होते| वे अनारकली को बंदी बना लेते हैं, और उसे सलीम को स्वयं से दूर करने का आदेश सुनाते हैं| परंतु अनारकली इस प्रसिद्ध गीत ‘प्यार किया तो डरना क्या’ के माध्यम से उनका आदेश अस्वीकार कर देती है| सलीम अपने ही पिता के विरुद्ध युद्ध छेड़ देता है, और फिल्म कई मर्मस्पर्शी व हृदय विदारक मोड़ों से गुजरती है, व इसका अंत दर्द से भरा होता है| इस फिल्म को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार व तीन फिल्म फेयर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया—सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ छायांकन व सर्वश्रेष्ठ संवाद| मूल फिल्म का करीब 15 % भाग छोड़ कर अधिकतर श्वेत-श्याम रूप में फिल्माया गया था| के. आसिफ़ निर्माताओं को पूरी फ़िल्म रंगीन करने के लिए नहीं मना पाए थे। 2004 में आखिर उनका यह सपना पूरा हुआ, व यह फिल्म पूर्ण रंगीन में परिवर्तित कर दोबारा रिलीज़ की गई| पुनः यह अत्यंत सफल रही और वीर-जारा जैसी हिट फिल्मों से सामना होने के बावजूद भी 25 हफ्तों तक लगी रही !

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