गज़नी |
ग़जनी एक हिंसक एवं अंधकारमय बॉलीवुड फ़िल्म है, जो इसी नाम की एक तमिल फ़िल्म से प्रेरित थी। यह तमिल फिल्म स्वयं भी क्रिस्टोफर नोलन की अंग्रेज़ी फिल्म ‘ममेंटों’ पर आधारित थी| इसके हिन्दी रूपांतर का लेखन व निर्देशन ए. आर. मुरुगदौस ने किया, जो मूल तमिल फिल्म के भी रचयिता थे| हिन्दी में गज़नी को बनाने से पहले मुरुगदौस ने इसका तेलुगू रूपांतर बनाने से इंकार कर दिया था, परंतु जब आमिर खान ने उन्हें हिन्दी फिल्म बनाने का अनुरोध किया तो वे मान गए| |
इस फिल्म में आमिर खान एक व्यवसायी संजय सिंघानिया की भूमिका में हैं, जो अल्पावधि स्मृति क्षीणता ( एंटरोग्रेड अमनीज़िया) से पीड़ित है| उनकी इस स्थिति पर एक मेडिकल की विद्यार्थी, सुनीता (जिया ख़ान), अनुसंधान कर रही हैं। सुनीता की जिज्ञासा तब और बढ़ जाती है जब उन्हें ज्ञात होता है कि संजय का मामला एक पुलिस तफतीश की वजह से क्लासफ़ाईड है| सुनीता की तफतीश के साथ-साथ यह फिल्म आगे बढ़ती है और इसमें संजय के वर्तमान और फ्लैशबैक के दृश्य आते रहते हैं| यह ज्ञात होता है कि संजय को यह समस्या एक हिंसक घटना के बाद हुई, जिसमें उसकी प्रेमिका बेरहमी से मारी गई| वह प्रत्येक 15 मिनट में अपनी स्मृति खो बैठता है, और याद रखने के लिए शरीर पर टैटू, इंस्टेंट कैमरा, व लिखित कागजों का सहारा लेता है| कत्ल के बाद संजय यह प्रण करता है कि वह अपनी प्रेमिका के कातिलों को ढूंढ कर मार डालेगा, और उसके इस बदले के प्रयास में कतलों की एक शृंखला बन जाती है| उसे एक सीरियल किलर का खिताब दे दिया जाता है, व पुलिस उसकी तलाश में जुट जाती है| जब सुनीता को उसकी प्रेमिका के कत्ल के पीछे की कहानी का पता चलता है तो वह भी उसकी मदद करने को तैयार हो जाती है| गज़नी समाज के एक प्रमुख सदस्य का नाम है, जो संजय की नज़रों में उसकी प्रेमिका कल्पना का कातिल है| |
गज़नी को लगभग सभी आलोचकों से काफी प्रशंसा मिली और इसने फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ एक्शन एवं फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ नव-कलाकार (महिला) का पुरस्कार भी जीता| इसका संगीत प्रतिभा-सम्पन्न ए. आर. रहमान ने तैयार किया, व इसके किए उन्हें भूरि-भूरि प्रशंसा मिली| इस समय गज़नी कमाई के मामले में बॉलीवुड की चौथी सबसे बड़ी फिल्म है, व अब तक विश्व भर में यह 200 करोड़ से अधिक का कारोबार कर चुकी है| |
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