गुप्त साम्राज्य को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, वास्तुकला और कला के क्षेत्र में प्रगति के लिए जाना जाता था| कालिदास, वात्स्यायन, वराहमिहिर, विष्णु शर्मा और आर्यभट्ट जैसे महान विद्वान इस साम्राज्य के दौरान ही उभरे थे| उन्नत धातु विज्ञान का विकास इसी अवधि के दौरान हुआ था जब भारत में इस्पात के एक अद्वितीय और सुप्रतिष्ठित प्रकार, वूट्ज़ स्टील का उत्पादन किया गया था| शून्य, आधार 10, शतरंज और ब्रह्मांड के सौर केंद्रित सिद्धांत जैसी अद्भुत अवधारणाएं इसी अवधि में विकसित हुईं| नए प्रकार के चिकित्सा उपकरणों, आयुर्वेदिक चिकित्सा और उन्नत शल्य चिकित्सा का विकास भी गुप्त साम्राज्य के अंतर्गत हुआ था| खगोल विज्ञान में प्रगति सहित भारतीय विचारधाराओं का प्रसार गुप्त वंश के व्यापारिक संबंधों के माध्यम से हुआ था| श्रीलंका, बर्मा, हिन्द-चीन और मलय द्वीपसमूह के साथ भारत के मजबूत व्यापारिक संबंध थे| |
Comments
Hide