मोहनदास करमचंद गांधी |
भारत के राष्ट्रपिता के रूप में अक्सर संदर्भित किये जाने वाले मोहनदास गांधी ब्रिटेन से भारतीय स्वतंत्रता के आंदोलन के दौरान अनेक प्रभावशाली भारतीय नेताओं में से एक थे| |
उन्होंने राजनीतिक साधन के रूप में अहिंसा के उपयोग की शुरुआत की और मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला, आंग सान सू की और बेनाइनो एक्विनो जूनियर जैसे अन्य महान नेताओं को प्रेरित किया|वे भारत और पश्चिम दोनों में एक बहुत ही विवेकशील व्यक्ति रहे हैं और उनकी विरासत आज भी हमें प्रेरित करती है| |
महात्मा गांधी का जन्म 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था जो उस समय ब्रिटिश भारत का एक रियासती राज्य था|उनकी शादी 13 वर्ष की उम्र में उनकी 14 वर्षीय पत्नी कस्तूरबा से हुई थी और उनके चार बेटे एक साथ मिलकर रहते थे|1888 में उन्होंने अपने परिवार एवं पत्नी को छोड़ दिया और लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज में एक बैरिस्टर बनने के लिए इंग्लैंड रवाना हो गए|वहां वे शाकाहारी सोसायटी में शामिल हो गए और हिंदू तथा ईसाई साहित्य पढ़ना शुरू किया|बार परीक्षा उत्तीर्ण होने पर वे भारत लौट आए और बंबई में कानून का अभ्यास शुरू किया जो असफल रहा|अंततः उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में स्थित एक भारतीय कंपनी के साथ एक पद स्वीकार कर लिया|अफ्रीका में गांधी अंग्रेजों द्वारा भारतीयों के खिलाफ किये जाने वाले ज़बरदस्त नस्लवाद से अवगत हुए (जो उस समय भारत की तुलना में कहीं अधिक था) और उन्होंने इसके खिलाफ एक अभियान प्रारंभ किया जिससे अहिंसा या हिंसा-विरोध के उनके प्रचलन की शुरुआत हुई|उन्होंने भारतीय अधिकारों के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी लेकिन अफ्रीकियों के खिलाफ एक समान रूप से दुराग्रही रवैया जारी रखा; अफ्रीका में उन्होंने अफ्रीकियों के लिए बेहतर आचरण का अभियान नहीं चलाया| |
1915 में वे भारत लौट आए और गोपाल कृष्ण गोखले के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के साथ शामिल हो गए| |
उन्होंने अंग्रेजों का मुकाबला करने के लिए अपने अहिंसा के सिद्धांतों को लागू किया और उन्होंने भारत के आसपास आश्रमों की स्थापना की| |
उन्होने व्यवसाय के बहिष्कार की वकालत की और भारतीयों को केवल स्थानीय रूप से उत्पादित चीजों का उपभोग करने के लिए प्रोत्साहित किया| |
गांधी को अंग्रेजों द्वारा जेल में बंद कर दिया गया था, और उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के बारे में बातचीत में हिस्सा लेने के लिए इंग्लैंड की यात्रा भी की थी| |
वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के गुरूतुल्य थे और स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए संघर्ष में उन्होंने कई आम भारतीयों को प्रेरित किया| |
गांधी की हत्या 1948 में एक कट्टरपंथी हिंदू द्वारा कर दी गयी जिसे ऐसा लगता था कि गांधी को नव-विभाजित पाकिस्तान के मुस्लिम देश के प्रति काफी सहानुभूति थी| |
Comments
Hide