बरसात |
एक तख्तापलट, राज कपूर द्वारा निर्देशित, निर्मित व अभिनीत 1949 की बॉलीवुड फिल्म बरसात एक अज़ीम शाहाकार (क्लासिक) है| इसमें अभिनेत्री नर्गिस राज कपूर की प्रेमिका रेश्मा, व अभिनेता प्रेमनाथ उनके मित्र गोपाल की भूमिका में नज़र आए| नवोदित अभिनेत्री, निम्मी, की यह पहली फ़िल्म थी। इस फिल्म की सफलता के उपरांत राज कपूर एक लंबे व सफल फिल्मी करियर की ओर अग्रसर हुए, जो न केवल तेजस्वी परंतु अत्यंत विवादपूर्ण भी रहा| |
बरसात की सफलता के बाद राज कपूर एक निर्देशक और अभिनेता के रूप में एक जगमग और विवादास्पद कैरियर की ओर बढ़ते गए| |
फिल्म का कथानक दो अमीर नवयुवकों प्राण (राज कपूर) व गोपाल (प्रेमनाथ) की कश्मीर घाटी की यात्रा, एवं वहाँ दो स्थानीय लड़कियों के साथ हुए उनके प्रेम संबंधों पर केन्द्रित है| प्राण (राज) व रेशमा (नर्गिस) का संबंध सच्चा है, परंतु साथ रहने के लिए उन्हें कई बाधाओं व कठिनाइओं का सामना करना पड़ता है| उधर गोपाल बड़ी बेपरवाही व निर्ममता से नीला (निम्मी) को बरसात आने तक उसकी प्रतीक्षा करने को कह कर चला जाता है| गोपाल को एक स्वार्थी व अय्याश प्रेमी के रूप में दिखाया गया है, जो समय के साथ अपनी गलती समझ कर पश्चात्ताप करता है व अंतत—सुधर जाता है| लौट कर वह वापिस अपनी वफादार प्रेमिका निम्मी के पास आता तो है, परंतु वहाँ पहुँचने पर उसे ज्ञात होता है कि निम्मी उसकी अनुपस्थिति में चल बसी है| फिल्म के अंतिम सीन में गोपाल बरसात में नीला की चिता में अग्नि देता दिखाया गया है| |
बरसात का संगीत "हवा में उड़ता जाए" जैसे गानों से प्रमुख होकर, 20 वीं सदी के सबसे लोकप्रिय बॉलीवुड गाने के रूप में जाना जाने लगा| |
बरसात की इस अल्बम के साथ ही संगीतकार जोड़ी शंकर सिंह रघुवंशी व जयकिशन दयाभाई पांचाल (शंकर जयकिशन) ने एक उज्ज्वल करियर की ओर कदम बढ़ा दिया| |
बॉलीवुड गायन आइकन लता मंगेशकर को भी बरसात फिल्म में प्रदर्शन के लिए एक महत्वपूर्ण ब्रेक मिला, जहां उन्होंने दोनों मुख्य महिला चरित्रों के लिए गीत गाए| |
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